पण परमेसर को वरदान आदम का पाप का जस्यान को ने हो। वरदान तो वणीऊँ घणी मान हे। एक मनक आदम का पाप की वजेऊँ घणा मनकाँ की मोत वीं हे, पण एक मनक ईसू मसी की दया की वजेऊँ मल्यो परमेसर की दया को वरदान घणा मनकाँ का वाते भरपूर हे।
काँके थाँ आपणाँ परबू ईसू मसी की दया ने तो जाणोइस हो अन थाँ ओ भी जाणो हो के, वीं अमीर वेता तका भी थाँका वाते गरीब बणग्या। जणीऊँ वाँकी गरीबीऊँ थाँ अमीर वे जावो।
पछे भी आपाँ यो जाणा हे के, कुई मनक मूसा का नेमाऊँ ने पण ईसू मसी पे विस्वास करबाऊँ धरमी बणे हे। आपाँ ईं वाते ईसू मसी पे विस्वास किदो के आपाँ मूसा का नेमाऊँ ने पण ईसू मसी का विस्वासऊँ धरमी बणन रेवा, काँके मूसा का नेमाऊँ कुई मनक धरमी बणन ने रे सके हे।
वीं एक नुवो गीत गाबा लागा हा के, “थाँ ईं किताब ने अन ईंपे लागी तकी मोराँ ने खोलबा जोगो हो, काँके थाँ बली चड़न थाँका लुईऊँ हाराई कुल का मनकाँ ने, हारी बोली बोलबावाळा ने, हारी जात्या का मनकाँ ने परमेसर वाते मोल लिदो हे।