14 पण जदी थरप्या तका चेला पोलुस अन बरनबास ओ हुण्यो, तो आपणाँ गाबा फाड़न भीड़ में ग्या अन जोरऊँ केबा लागा,
ईं बात पे मायाजक आपणाँ गाबा फाड़न अन क्यो, “अणी परमेसर की नन्दयाँ किदी हे, अबे मारे गुवा की कई जरूत ने हे? देको, थाँ अबाणू ईंने परमेसर की नन्दया हामळी हे।
मायाजक आपणी रीसऊँ जब्बो फाड़न क्यो, “माने ओरी गवई की जरूत ने हे।
पण वीं नगर का मनकाँ में फुट पड़गी, तो थोड़ाक मनक यहूदियाँ के आड़ी अन थोड़ाक थरप्या तका का आड़ी वेग्या हा,
कई मूँ आजाद ने हूँ? कई मूँ खन्दायो तको ने हूँ? कई में ईसू का दरसण ने किदा हे? कई थाँ हाराई मारा का काम का वजेऊँ परबू में ने आया हो?