10 अन पोलुस जोरऊँ हाको करन क्यो, “आपणाँ पगाँ पे ऊबो वे” वो ओ हुणताई फदकन ऊबो व्यो अन चालबा-फरबा लागग्यो।
तद्याँ वणी खाटली का नके जान वींके हात लगायो तो हाराई मनक ठम ग्या, तद्याँ वणी क्यो, “हे मोट्यार, मूँ थने केऊँ हूँ, बेटो वे।”
“मूँ थाँकाऊँ सई-सई केवूँ हूँ के, ज्यो मारा पे विस्वास करे हे, वो ज्यो काम मूँ करूँ हूँ वो भी करी। पण अणीऊँ भी मोटा काम करी, काँके मूँ परमेसर के नके जारियो हूँ।
पण ज्यो कुई वो पाणी पीई ज्यो मूँ वाँने देऊँ, वाँने पाच्छी कदी तर ने लागे। पण ज्यो पाणी मूँ वाँने देवूँ, वो वींमें अनंत जीवन देबावाळी नंदी बण जाई।”