9 पछे साउल जिंको दूजो नाम पोलुस हो। वो पुवितर आत्माऊँ भरन, अलीमास के हामे ताकते तके क्यो,
अन ओ आद राकज्यो बोलबावाळा थाँ कोयने, पण थाँको परम बापू परमेसर की आत्मा थाँकामें आन बोली।
ईसू गुस्सा में हा जद्याँ वणा च्यारूँमेर वाँने देक्या, पण वीं वाँकी बुरई अन हठ ने देकन घणा दकी व्या। पछे वीं मनकऊँ क्यो, “थारो हात लाम्बो कर।” वणी हात लाम्बो किदो अन वींको हात हव वेग्यो।
जदी ईसू दूजी दाण वींकी आक्याँ पे हात मेल्यो, वणी आपणी आक्याँ पुरी तरियाऊँ खोल दिदी। वींने देकबा की तागत पाच्छी मलगी अन वो एकदम सई देकबा लागो।
ईसू वाँका आड़ी देकन क्यो, “पसे ओ कई लिक्यो तको हे के, ‘जणी भाटा ने राज-मिस्तरियाँ बेकार बतायो, वोईस खुणा को खास भाटो वेग्यो’?
वीं हाराई जणा पुवितर आत्माऊँ भरग्या अन जस्यान पुवितर आत्मा की सामरत वाँने मली वीं तरे-तरे की बोली में बोलबा लागा।
जद्याँ वणा परातना कर लिदी, तो वाँ जगाँ जटे वे अगेटा व्या हाँ, हालगी। अन वे हारई पुवितर आत्माऊँ भरग्या अन परमेसर का वसना ने बना दरप्याई हुणाबा लागग्या।
तो पतरस का डिले पुवितर आत्मा आन वाँने क्यो, “ओ नेता अन बुड़ा-ठाड़ा लोगाँ,
पण, पुवितर आत्माऊँ भरियो तको इस्तीपनुस हरग दयने देक्यो अन वीं परमेसर की मेमा अन ईसू ने परमेसर का जीमणे पाल्डे ऊबो देक्यो।