ईसू क्यो, “खुराजीन अन बेतसेदा नगर का लोगाँ, थाँने धिकार हे, काँके जीं परच्या बताया ग्या, यद्याँ वीं सूर अन सेदा नगर में किदा जाता, तो वटे का मनक बोरी का गाबा पेरन अन आपणाँ सरीर पे वानी लगान कदी का पापऊँ मन फेर लेता।
ईसू वाँकाऊँ या बाताँ केईसरियो हो अन एक परातना घर को मुक्यो आन वाँके आगे गोड़ टेकन अरज किदी के, “मारी नान्नीक छोरी अबाणू मरगी हे, पण थाँ चालन थाँको हात वाँका माता पे मेली दो तो वाँ पाच्छी जीवती वे जाई।”
ईं वाते में तरत थने बलाबा खन्दाया अन थें अटे आन हव काम किदो। तो अबे परमेसर की मोजुदगी में माँ वो हारई हुणबा के वाते त्यार हा, जो परबू थने आदेस दिदो हे।