वटे युसुप नाम को एक मनक हो। ज्यो यहूदियाँ का मोटी सबा में मंतरी हो, वो एक घणो धरमी मनक हो। वो वाँकी ईसू ने मारबा की राय में अन वाँका अणी कामाँऊँ राजी कोयने हो अन वो यहूदियाँ का देस में अरमतिया नाम की जगाँ को रेबावाळो हो अन परमेसर की राज बाट नाळवावाळो हो।
पसे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ईं मारी वीं बाताँ हे, जद्याँ मूँ थाँके हाते रेते तके थाँकाऊँ क्यो हो। जतरी बाताँ मूसा के नेमा में अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन भजनाँ की किताब में मारा बारा में लिकी तकी हे, वीं हारी पुरी वेणीईस हे।”
यरूसलेम में रेबावाळा अन वाँका अदिकारियाँ भी ईसू ने कोयने ओळक्यो अन सबद का हरेक दन हुणाता तका परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का बचन ने कोयने हमज्या, पण ईसू पे दोस लगान वाँ वसना ने पूरा किदा।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
पण परमेसर की मदतऊँ मूँ आज तईं रियो हो अन फोरा-मोटा हंगळा का हामे गवई देरियो हूँ, अन वणा बाताँ के छोड़न दूजी बाताँ ने केऊँ, जो परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन मूसे की हे जीं पुरी वेबावाळी हे,