9 पछे पतरस वींके पाछे-पाछे बाणे निकळ्यो, पण वींके हमज में ने आरियो हो के, जो भी हरग-दुत कररियो हे वो हाँचई में हे, के मूँ कस्योई हपनो देकरियो हूँ।
ईसू की माँ नोकर-चाकरऊँ क्यो, “वो ज्यो कई थाँकाऊँ केवे, थाँ वो करज्यो।”
पतरस जो दरसावो में देक्यो हो, वींका वाते वो होचरियो हो, जद्याँई कुरनेल्युस का खन्दाया तका मनक पतो पूँछता तका बारणा पे आग्या।
वे दन का तीजा पेर में एक दरसावो में देक्यो के, परमेसर को एक हरग-दुत वाँका नके आयो हे अन वींने केरियो हे, “ओ कुरनेल्युस।”
जद्याँ मूँ यापा नगर में परातना कररियो हो तद्याँ एक दरसावो देक्यो। वींमें देक्यो के, एक मोटा चादरा जस्यान आकासऊँ कुई चीज धरती पे उतररी ही अन अस्यान लागरियो हो के, वींका च्यारई खुणा पकड़न कुई वींने उतार रियो हे। पछे वा चीज मारा नके आगी।
तो पछे हरग-दुत वींने क्यो, “त्यार वेन आपणी पगरख्याँ पेर ले।” पतरस भी वस्यानीस किदो। हरग-दुत वींने पाछो क्यो, “मारी लारे आ।”
“हो राजा अग्रिपा, में वणी हरग का दरसावो की बात ने, ने टाळी,
दमिसक में एक हनन्या नाम को एक विस्वासी रेतो हो। परबुजी वींने दरसावो देन क्यो, “हनन्या”। तो वो बोल्यो, “परबू, मूँ अटे हूँ।”
विस्वास करबा की वजेऊँ अबराम ने जद्याँ बलायो ग्यो हो तो वो आग्या मानन अस्यी जगाँ का आड़ी चाल पड़्यो, जिंको वारिस बणबावाळो हो, जद्याँ के, वो जाणतो भी ने हो, तद्याँ भी वो वटे ग्यो हो।