15 वाँकाणी वींने क्यो, “थूँ वेडी वेगी हे!” पण, वा जोरावरीऊँ केरी ही के, या बात हाँची हे। तो वाँकाणी क्यो, “वो वींको दूत वेई।”
“देको, थाँ अणा फोरामूँ कणी ने बेकार मती जाणो, काँके मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, हरग में वाँका दूत मारा हरग का बाप को मुण्डो हमेस्या देकता रेवे हे।
जदी वाँ चेला हुण्यो के, ईसू जीवतो हे अन वाँ वींने देक्यो हे, वाँकाणी विस्वास ने किदो।
पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
एक घण्टा केड़े एक दूजे मनक ज्योरऊँ हाको करन क्यो, “ओ भी तो वींका हाते हो, काँके यो भी तो गलील को हे।”
पण, वाँकी ईं बाताँ चेला ने जूटी लागी अन वणा अणा बाताँ ने अणहूणी करन टाळ दिदी।
अटीने पतरस बारणा आगे कुँवाड़ बजाईसरियो हो, तद्याँ वाँ लोग-बागाँ कुँवाड़ खोलन वींने देक्यो, तो वे अचम्बा में पड़ग्या।
जद्याँ पोलुस अणी तरियाऊँ जवाब दिदो, तो फेसतुस जोरऊँ हाको करन क्यो, “हे पोलुस, थूँ बेण्डो हे, हेलो ग्यान थने बेण्डो कर दिदो हे।”