8 पण में क्यो, “परबू मूँ अस्यो ने कर सकूँ हूँ, काँके में कदी भी हुगली अन असुद चिजाँ कोयने खादी।”
वणा देक्यो के, ईसू का थोड़ाक चेला फरीसी का नेमा के जस्यान हात धोन खाणो ने खारिया हे।
पछे मने एक अवाज हुणई, जो मने केरी ही, पतरस उठ अन आने मारन खा।
तो आकासऊँ दूजी दाण पाच्छी अवाज अई अन क्यो, “जो भी चिजाँ ने परमेसर सुद क्यो हे, वींने खराब ने हमज।”
परबू ईसू का गट-जोड़ में, मूँ पको मानूँ हूँ के, कस्यी भी चीज असुद कोयने। वाँ खाली वणी वाते असुद हे ज्यो वींने असुद माने हे।
काँके अस्यो धणी ज्यो विस्वास ने राके हे, वो आपणी विस्वासी लुगई का मस परमेसर ने भावे हे अन अस्यी लुगई ज्या विस्वास ने राके हे, वाँ आपणी विस्वासी धणी का मस परमेसर ने भावे हे, ने तो थाँकी ओलाद असुद वेती, पण अबे तो वीं पुवितर हे।