9 आगले दन जद्याँ वे चालता-चालता नगर के भडे़ पूगबाने हाँ, तद्याँई पतरस दपराँ की परातना करबा के वाते मेड़ी पे चड्यो।
पछे वणी दपराँ में अन तीजा पेर का लगे-भगे जान जान वस्यानीस किदो।
ज्यो मनक आपणाँ घर की मेड़ी पे वेई, वे घर मयने जान कई भी चीज वाँके लारे लेबा का वाते टेम खराब ने करे।
दपराँ का बारा बज्याँ लेन तीन बज्या तईं वीं हारा देस में अन्दारो रियो।
पण जद्याँ भी थूँ परातना करे आपणाँ ओवरा में जा अन कमाड़ बन्द करन आपणाँ बापू परमेसरऊँ ज्यो छाने में हे परातना कर अन थाँको बाप छाने में देके हे, वो थाँने वींको फळ देई।
भाग-फाट्याँईं जद्याँ अन्दारो हो, ईसू उटन घरऊँ हून्नी जगाँ में पराग्या, जटे वणा परातना किदी।
वीं वाँने विदा करन परातना करबा वाते मंगरा पे चड़ग्या।
वे दन का तीजा पेर में एक दरसावो में देक्यो के, परमेसर को एक हरग-दुत वाँका नके आयो हे अन वींने केरियो हे, “ओ कुरनेल्युस।”
पण, माँ तो हाराई टेम परातना अन बचन हुणबा का काम में जीव लगा देवाँ।”
हरेक तरियाँ की अरज अन विनती का हाते आत्माऊँ हर टेम परातना करिया करो। ईं मस जागता रेवो अन हारई पुवितर लोगाँ का वाते हरदाण अरज करता रेवो।
ईं वाते अबे मूँ छावूँ हूँ के, हरेक जगाँ मनक लड़ई-जगड़ो अन बुरा काम ने करे, पण आपणाँ हात-जोड़न परातना करिया करे।