वे जद्याँ वरत करता तका परबू की मेमा कररिया हा, तद्याँई पुवितर आत्मा क्यो, “बरनबास अन साउल ने जीं काम के वाते में बलाया हा, वीं काम के वाते वाँने न्यारा कर दो।”
पुवितर आत्मा सई तरियाऊँ बोले हे के, थोड़ाक टेम का केड़े थोड़ाक मनक विस्वास करणो छोड़ देई, वीं भटकाबाळी आत्मा की जूटी हिक ने मानी अन जूटी आत्मा का क्या में रेई।