15 तो पाच्छी वींने दूजी दाण अवाज हुणई, “जो भी चिजाँ ने परमेसर सुद क्यो हे, वींने असुद ने केणी।”
ज्यो मुण्डा में जावे हे, वो मनकाँ ने असुद ने करे, पण ज्यो मुण्डाऊँ निकळबावाळा बुरा सबदइस वींने वटाळ देवे हे।”
काँके वाँ चीज वींका मन में ने जावे, पेट में जावे अन पछे पेटऊँ बारणे निकळ जावे हे।” अस्यान केन वणा खाबा की हंगळी चिजाँ ने सुद बतई।
तीन दाण अस्यानीस व्यो अन वाँ चीज पाच्छी आकास में उठा लिदी गी।
पतरस वाँने क्यो, “थाँ जाणो हो के, एक यहूदी के वाते ज्यो यहूदी ने हे वणीऊँ वेवार राकणो कन वाँका नके जाणो नेम को उल्टो हे। पण परमेसर मने बतायो के, मूँ किंने भी हुगलो अन असुद ने केवूँ।
तो आकासऊँ दूजी दाण पाच्छी अवाज अई अन क्यो, “जो भी चिजाँ ने परमेसर सुद क्यो हे, वींने खराब ने हमज।”
पण वाँने आपाँ ओ लिकीन खन्दावाँ के, थाँ मूरताँ पे चड़ई तकी चिजाँ ने मत खाज्यो अन कूकरमऊँ छेटी रेज्यो, गळो मरोड़िया तका को माँस ने खावो, अन लुई ने पीजो।
के थाँ मूरताँ के चड़ई तकी चिजाँ, अन गळो मरोड़िया तका को माँस ने खावो, कूकरमऊँ छेटी रेज्यो अन लुई ने पीजो। ईंऊँ थाँको भलो वेई, अबे माँ विदा लेवा।”
वणी आपाँ अन वाँका में कुई दूज-भराँत ने राकी अन वाँका पापाँ ने माप किदा काँके वणा विस्वास किदो।
परबू ईसू का गट-जोड़ में, मूँ पको मानूँ हूँ के, कस्यी भी चीज असुद कोयने। वाँ खाली वणी वाते असुद हे ज्यो वींने असुद माने हे।
खाबा का वाते परमेसर का काम ने मती वगाड़ो। हाराई तरियाँ को खाणो सुद हे पण जद्याँ कई खाबाऊँ कुई भई पाप में पड़े, तो वींने खाणो गलत हे।
माँस का बजार में ज्यो कई वके हे, वींने आपणाँ मन का हस्याबूँ खावो पण वींका बारा में कदी सवाल मती करो।
पुवितर मनकाँ का वाते हारोई पुवितर हे, पण हूँगला अन बना विस्वासवाळा का वाते कईस सुद ने हे, काँके वाँको मन अन वाँकी आत्मा दुई खराब हे।
जणीऊँ वणा अंगूर ने नगर का बारणे गुद्या ग्या, अन रस कुण्ड मयनेऊँ अतरो लुई निकळग्यो के, वो घोड़ा की लगाम तईं पोंछग्यो अन हो कोस तईं फेलग्यो।