जद्याँ ईसू जेतुन का मंगरा पे बेट्या तका हा, तो चेला अकेला वाँका नके आन क्यो, “माने बता के, ईं बाताँ कदी वेई? थाँके आबा को अन जग का अन्त को कई हेन्याण वेई?”
ईसू वाँने क्यो, “हा, हारी बात ने हव करबा वाते एलियो जरुर आई। पण मनक का पूत(ईसू) के वाते यूँ काँ लिक्यो हे के, वींने घणो दुक जेलणो पेड़ी अन मनक वींने नकार देई?