मनक का पूत ने तो मरणोइस हे, जस्यान वाँका वाते लिक्यो हे, पण ज्यो मनक का पूत ने पकड़ाई, वींका वाँते घणी दुक बात वेई। वीं मनक के वाते आ बात घणी हव वेती, जदी वो जनमई ने लेतो।”
जद्याँ मूँ वाँका लारे हो, तो में थाँका नाम की तागतऊँ ज्यो थाँ मने दिदो हे, वाँकी रुकाळी किदी। में वाँने हमाळ राक्या अन बेस वीं मनक छोड़न ज्यो नास का आड़ी लेजाबावाळा गेले चाल पड़्यो, ओर किंकोई नास ने व्यो, ईं वाते के पवितर सास्तर में ज्यो बतायो ग्यो वो पूरो वेवे।