24 पछे वाँ हंगळा जणा परातना करन केबा लागा के, ओ परबुजी, थाँ तो हारई को मन जाणो हो अन अबे माने ओ बतावो के, आ दुई जणाऊँ थाँ किंने थरपणो छावो हो,
ईंपे ईसू वाँने क्यो, “थाँ अस्या लोग-बाग हो, जी मनकाँ का हामे आपणाँ खुद ने धरमी बतावे हे, पण परमेसर थाँका मन ने जाणे हे। मनक जिंने मोटा हमजे हे, वो परमेसर की देकणी में कई ने हे।
ईसू तीजी दाण क्यो, “ए समोन, यहुन्ना का बेटा, कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” तो पतरस दकी वेग्यो के, वाँकाणी वींने तीजी दाण अस्यान काँ क्यो, “कई थूँ माराऊँ परेम राके हे?” अन वाँने क्यो, “ओ परबू, थाँ तो सब जाणो हो। थाँ ओ भी जाणो हो के, मूँ थाँकाऊँ परेम करूँ हूँ।” ईसू वींने क्यो, “मारा गारा ने चरा।
वटे की हरेक विस्वास्याँ की मण्डली में बुड़ा-ठाड़ा ने थरप्या अन वाँने वरत अन परातना करन परबू का हाताँ में हूँप दिदी, जिंपे वीं विस्वास करता हा।
मन ने जानबावाळे परमेसर आपणाँ जस्यान वाकाँने भी पुवितर आत्मा देन वाँने भी अपणा लिदा।
अन आ हातई जणा ने थरप्या तका का हामे लान ऊबा कर दिदा, पछे थरप्या तका परातना करन वाँपे हात राक्यो।
पण वो मना की जाणबावाळो जाणे हे के, आत्मा की मनसा कई हे? काँके परमेसर की मरजीऊँ वाँ परमेसर का पुवितर मनकाँ वाते अरज करे हे।
दनियाँ की कस्यी भी चीज परमेसरऊँ हपी तकी ने हे, वाँकी आक्याँ का हामे हारी चिजाँ खुली अन बना परदा की हे। वाँका हामे आपाँने आपणो लेको देणो हे।
मूँ वींका बाळकाँ ने मार देऊँ, तो हारी मण्डली ओ जाण जाई के, मूँ मन अन बदी जाणबावाळो हूँ। अन मूँ थाँ हाराई ने थाँका कामाँ के जस्यान बदलो देऊँ।