3 अस्यान को टेम आरियो हे जद्याँ मनक हव हिक ने, ने हूणी, पण ईंकी अलावा वीं आपणाँ वाते अस्यान का हिकाबावाळा होद लेई, जीं वाँने वीं बाताँइस हिकाई जस्यी हूणणी वाँने हव लागे हे।
वी दाण मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन मुक्य याजकाँ वींने पकड़णो छारिया, काँके वीं हमजग्या हा के, वणी माकाँ उपरेईस या केणी की हे। पण, वीं लोग-बागऊँ दरपग्या हा।
यद्याँ मनक थाँने भला केवे हे तो धिकार हे थाँने, काँके वाँका बड़ाबा भी परमेसर का आड़ीऊँ जूट बोलबावाळा का हाते भी वस्योईस करिया करता हा।
पण मूँ हाँच बोलूँ हूँ, ईं वाते थाँ मारा ऊपरे विस्वास ने करो हो।
हंगळा एतेंस वासी अन परगाम का लोग जो वटे रेवे हे, वे नुवी-नुवी बाताँने हुणबा अन हुणाबा को मोको होदता हा।
हो भायाँ-बेना, जद्याँ मूँ परमेसर का भेद को परच्यार करतो तको थाँका नके आयो, तो ने मोटी बाताँ काम में लिदी अन ग्यान ने बाँट्यो।
अन मारा बचन अन मारा परच्यार में ग्यान की लोब वाळी बाताँ ने ही, पण वणामें परमेसर की आत्मा की तागत को सबूत हो,
तो कई मारे हाँच बोलवाऊँ मूँ थाँको दसमण बणग्यो हूँ?
कुकरमी, मनक मनक का हाते कुकरम करबावाळा, मनकाँ ने बेचबावाळा, जूट बोलबावाळा, अन जूटी होगन खाबावाळा, ईंके अलावा खरी हिक को विरोद करबावाळा का वाते ठेरईगी हे।
जीं खरा बचन में थने हिकाया हे वाँने मजबुतीऊँ पकड़ राक अन वाँने भी विस्वास अन परेम का हाते, ज्यो ईसू मसी में हे, खुद का वाते नमुनो बणान राक।
वणा थाँने क्यो हो के, “आकरी का दनाँ में अस्यान का मनक भी आई, जी परबू अन वाँका मनकाँ की मजाक उड़ाई अन वीं आपणी बुरी मरजी का जस्यान चाली।”