13 जद्याँ थूँ आवे तो त्रोआस का रेबावाळा करपुस का घरेऊँ मारो कोट, पोत्याँ अन चामड़ा का पतर ने तो खास तरियाऊँ आद राकन लेतो आज्ये।
यद्याँ कुई थाँका पे मुकदमो करन थाँको कुरतो भी लेणो छावे, तो थाँ वींने आपणो चादरो भी दे दिज्यो।
ईं वाते त्रोआसऊँ माँ जाँजऊँ हुदा सुमात्रा में वेन दूजे दन नियापुलिस पूग्या।
अन, वीं मुसिया में वेन त्रोआस नगर में ग्या
वे खासकर ईं बातऊँ दकी हा के, पोलुस वाँने क्यो हो के, थाँ अबे मने कदी ने देको। तद्याँ वीं हंगळा पोलुस ने जाँज में बेटावाने ग्या।
ईं टेम तईं माँ तो भूका तरिया हा। फाटा तका गाबा पेरता हा। माकाँ हाते मार-कूट किदी जावे हे अन माँ बेघर हा।
में घणी मेनत किदी हे अन दुक का हाते जीवन जिदो हे। नरी दाण तो मूँ हूँ भी ने सक्यो। अन नरी दाण तो भुको-तरियो भी रियो हूँ, नरी दाण तो ठन्ड में बना गाबा के धूजतो रियो हूँ।