काँके वणी एक दन ठेरायो हे, वीं आपणाँ थरप्या तकाऊँ वो धरती का हंगळा मनकाँ को हाँचऊँ न्याव केरी, अन वणी मरिया तका मूँ पाछो जीवतो वेन हंगळा मनकाँ में आ बात पाकी कर दिदी हे।
मूँ थने परमेसर, मसी ईसू अन पुवितर हरग-दुत की मोजुदगी में केवूँ हूँ के, थूँ खुला मनऊँ अणा आदेस ने मानज्ये अन ज्यो कई भी थूँ करे, वींने बना पकसपात के करज्ये।
थाँरा मनकाँ ने, ईं बाताँ आद अवाड़ अन परमेसर का हामे चेतान केज्ये के, फोगट की बाताँ पे ने लड़े। अस्यान करणो हव ने हे, काँके वीं बाताँ हूणबावाळा का वाते नास की जड़ हे।
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।
यो ईं वाते व्यो, ताँके थाँको यो विस्वास ज्यो वादी में पाक्या तका होनाऊँ भी मुगो हे, जद्याँ परबू ईसू मसी आई, तो ईं विस्वास का वजेऊँ थाँने परमेसर का आड़ीऊँ बड़ई, मेमा अन मान मली।
देको, वो वादळा का हाते आबावाळो हे अन वींने हाराई आपणी आक्याँऊँ अन वीं मनक भी जणा वींने दुक दिदो हो देकी। अन धरती का हाराई मनक वाँके वजेऊँ रोई। अस्यान पाको हे के, यो वेई, आमीन।