7 ईं लुगायाँ हमेस्यान वणा हिकबावाळाऊँ हिकणो तो छाई, पण हाँच कई हे, ईंने ने जाण पाई।
वणी क्यो, “थाँने हरग का राज का भेद की हमज दिदी हे पण अणा लोगाँ ने ने दिदी हे।
थाँ ज्यो एक-दूजाऊँ मान छावो हो अन वो मानज्यो खाली परमेसर का आड़ीऊँ मले हे, वींकी थाँने कई परवा ने हे। तो थाँ मारा पे कस्यान विस्वास कर सको हो?
जणीऊँ आपीं आगे बाळक कोयने रेवा, ज्यो ठग मनक की ठग-वद्याँ अन चतुराईऊँ, भेंम की बाताँ अन छळ का उपदेस का वइराऊँ ऊछाळ्यो जावे हे अन अटने-वटने भटके हे।
अन परमेसर छावे के, धरती का हाराई मनक बंचाया जावे अन वींका हाँच ने जाणे।
अन ज्यो विरोद करे वाँने नरमाईऊँ हमजबा वाळो वेणो छावे, कई पतो, परमेसर वाँने भी आपणी गलती मानन मापी माँगबा को मन दे देवे अन वीं भी हाँच जाण जावे।
ईंका बारा में केबा का वाते माकाँ नके नरोई हे, पण ईंका बारा में केणो घणो अबको हे, काँके थाँ हमजबा में धीमा हो।