ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जो थाँकी हुणे हे, वी मारी हुणे हे अन ज्यो थाँने बेकार हमजे हे वीं मने भी बेकार हमजे हे। अन ज्यो मने बेकार हमजे हे वीं मने खन्दाबावाळा ने भी बेकार हमजे हे।”
थाँ एक-दूँजा की देह की मनसा ने पुरी करबा में छेटी मती रेज्यो, पण थोड़ीक टेम तईं परातना का वाते आपस का राजीपाऊँ छेटी रो अन पाच्छा एक हाते वे जावो। कटे अस्यान ने वे के, थाँका खुद ने बंस में राकबा की कमजोरीऊँ सेतान थाँकी परक करे।
वींने दूजाँ वीं पेला डरावणा जनावर की मूरती में जीव नाकबा को हक दिदो ग्यो हो, जणीऊँ वाँ मूरती बोलबा लागे। वीं मूरत के जतरा भी मनक धोग ने लागी, वाँने वो मरवा देई।
काँके अणा मनकाँ थाँका दासा अन थाँका आड़ीऊँ बोलबावाळा को लुई वेवाड़्यो हे। थाँ न्याव करबावाळा हो, थाँ वाँके पिवा का पाणी ने लुई बणा दिदो, काँके वीं अणीईस जोगा हे।”