पण थाँ आपणाँ दसमणाऊँ परेम राको अन भलई करो, अन पाच्छा पाबा की आस ने राकन उदार दो, तद्याँ थाँने मोटो ईनाम मली अन थाँ परबू परमेसर की ओलाद केवावो, काँके परमेसर आग्या ने मानबावाळा अन पापी मनकाँ पे भी दया करे हे।
थोड़ाक वरा पेल्याँ खुद ने मोटो बताबावाळो थियोदास आयो अन च्यारसेक लोग-बाग वींकी लारे वेग्या हा, पण जद्याँ वींने मार दिदो ग्यो तो वींकी लारे का हण्डाळी तितर-बितर वेग्या अन वींको आन्दोलन खतम वेग्यो।
तद्याँ थाँने वाँ डाळ्याँ का हामे जीं तोड़न फेंकी गी हे, मेपणो ने करणो छावे। अन जद्याँ मेपणो करो, तद्याँ ध्यान राको के, ईं थाँ कोयने हो ज्यो जड़ा ने पाळरिया हो, या तो वाँ जड़ हे ज्यो थाँने पाळरी हे।
यो मनक हाराई ने ज्याँने ईसवर अन मूरत्याँ जोगा बोले हे, वाँका हामे वेई अन खुदाखुद ने हाराऊँ मोटो मानी, अटे तईं वो परमेसर का मन्दर में बेटन खुदाखुद ने ईसवर मानी।
ओ जाणन के, मूसा का नेम धरमी मनकाँ का वाते ने पण अधरम्याँ, केणो ने करबावाळा, परमेसर ने ने मानबावाळा, पापी, अपुवितर, असुद, बई-बापू को बुरो करबावाळा, हत्यारा,
सास्तर में लिक्यो हे के, “थाँ थाँका पड़ोसीऊँ थाँका जस्यानीस परेम करज्यो।” ओ हाराई हुकमाऊँ दरबारी हुकम हे। अन जद्याँ थाँ ईंने मानो हो, तो थाँ यो हव करो हो।
हो मोठ्याराँ, अणीस तरियाँ थाँ भी परदानाँ का बंस में रेवो, थाँ हाराई का हाराई सेवा करबा वाते दया का हाते त्यार रेवो, काँके “परमेसर मेपणो करबावाळा का खिलाप में हे, पण जो मनक खुद ने फोरो बणावे हे वींके ऊपरे परमेसर दया करे हे।”
अन परमेसर खासकर वणा मनकाँ ने दण्ड देई, जीं बुरी मनसा का गेले चालन देह का जस्यान चाले हे अन परमेसर की माहनताऊँ नपरत करे हे। अस्यान का मनक बेकार अन टगीला हे अन ईं हरग की ताकता को भी अपमान करबाऊँ भी ने दरपे हे।
पण ईं मनक जनावर के जस्यान हे, ज्याको जनम ईं वाते व्यो हे के, वीं पकड़्या जावे अन मारिया जावे। ईं मनक जीं बाताँ का बारा में जाणेई कोयने वाँके बारा में दूजाँ ने भलो-बुरो केवे हे। ईं वाते जस्यान जनावर मारिया जावे हे वस्यानीस ईं मनक भी मारिया जाई।
ईं मनक बेकार में मेपणा की बाताँ करन कुकरम की कामाँ के वजेऊँ वणा मनकाँ ने जीं अबे भटक्या तका मनक मेंऊँ निकाळणो छारियो हे वाँने देह की मनसा में फसा लेवे हे।
तद्याँ में समन्द का मयनेऊँ एक डरावणो जनावर ने बारणे निकळतो देक्यो। वींके दस तो हिंगड़ा अन हात माता हा। अन वणी आपणाँ हिंगड़ा पे दस राजमुकट पेर मल्या हा। वींका हरेक माता पे परमेसर को अपमान करबावाळा नाम लिक्या तका हा।