ओ जाणन के, मूसा का नेम धरमी मनकाँ का वाते ने पण अधरम्याँ, केणो ने करबावाळा, परमेसर ने ने मानबावाळा, पापी, अपुवितर, असुद, बई-बापू को बुरो करबावाळा, हत्यारा,
थाँरा मनकाँ ने, ईं बाताँ आद अवाड़ अन परमेसर का हामे चेतान केज्ये के, फोगट की बाताँ पे ने लड़े। अस्यान करणो हव ने हे, काँके वीं बाताँ हूणबावाळा का वाते नास की जड़ हे।
ज्यो खुद ने आ हारी बुरी बाताँऊँ छेटी राकी, तो वो खास काम में काम आई, काँके वणी आपणाँ खुदाखुद ने आपणाँ मालिक परमेसर का वाते दे दिदो हे, जणीऊँ वो हरेक भला काम का वाते त्यार किदो तको वेई।
ओ जरूरी वेग्यो हे के, वाँको मुण्डो बन्द किदो जावे, जीं ईं गलत बाताँ हिकान विस्वास्याँ का घर ने बगाड़रिया हे अन ईं हाराई नीचपणाऊँ रिप्या-कोड़ी कमावा का चकर में अस्यान करता रेवे हे।
ईं मनक बेकार में मेपणा की बाताँ करन कुकरम की कामाँ के वजेऊँ वणा मनकाँ ने जीं अबे भटक्या तका मनक मेंऊँ निकाळणो छारियो हे वाँने देह की मनसा में फसा लेवे हे।
वो पेला डरवाणा जनावर का हकऊँ चमत्कार बतातो हो। वो धरती पे रेबावाळा मनकाँ ने भरमातो अन बोलतो हो के, जीं पेला जनावर के तरवारऊँ घाव व्यो हो, वो ठीक वेग्यो हे, थाँ वींकी मूरत बणावो, ताँके वींने मान मले।
वीं डरावणा जनावर का एक माता में अस्यान को घाव हो, जणीऊँ अस्यान लगारियो हो के, वो अबे मर जाई। पण वींको ओ घाव भरग्यो, जणीऊँ हारी धरती का मनक अचम्बा करन वींके हाते वेग्या।