मूँ ईं वाते ओ केवूँ हूँ अन परबू का नाम में थाँने हेंचेत करूँ हूँ के, ज्यो विस्वास ने करे हे वाँके जस्यान अबे कदी भी जीवन ने जीवो, जिंको बच्यार कई काम को ने हे।
हो भायाँ-बेना, माँ थाँकाऊँ परबू ईसू का नाम में आ अरज करा अन थाँने हमजावा हाँ के, जस्यान थाँ माँकाऊँ परमेसर ने राजी करबावाळो जीवन जीणो हिक्यो अन वस्यानीस जीवो भी हो, वींमें ओरी बड़ता जावो।
हो विस्वासी भायाँ, माँ थाँने परबू ईसू मसी में ओ आदेस देवा हा के, हरेक अस्या मनकाऊँ छेटी रेज्यो जीं आळकातक हे अन ज्या हिक माँ वाँने दिदी हे वींके जस्यान ने करे।
अन वाँ मनगड़त केण्याँ अन वंसावल्या पे मन ने लगावे, ज्यो लड़ई-जगड़ो करावे हे अन परमेसर की वीं मरजी ने पुरी ने वेवा देवे हे, ज्या खाली विस्वासऊँ पुरी वे सके हे।
मूँ थने परमेसर, मसी ईसू अन पुवितर हरग-दुत की मोजुदगी में केवूँ हूँ के, थूँ खुला मनऊँ अणा आदेस ने मानज्ये अन ज्यो कई भी थूँ करे, वींने बना पकसपात के करज्ये।
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।