थाँ थाँको जीवन मसी का हव हमच्यार के जोगो जियो, ताँके यद्याँ मूँ आन थाँने देकूँ कन ने देकूँ पण थाँका बारा में मूँ ओ हुण सकूँ के, थाँ एक मन अन एक मकसदऊँ अटल रेन हव हमच्यार का विस्वास का वाते कल्ड़ी मेनत कररिया हो।
मूँ पोलुस, ज्यो परमेसर की मरजीऊँ ईसू मसी को थरप्या तको खास चेलो हूँ, जिंने परमेसर वणी जीवन को परच्यार करबा का वाते खन्दायो, जणी जीवन ने परमेसर ईसू मसी में देबा को वादो किदो हे।
परमेसर को परच्यार करती दाण नरई गवा की मोजुदगी में, जीं बाताँ थें माराऊँ हिकी हे, वाँने विस्वास जोगा मनकाँ ने हूँप दे, जीं दूजाँ ने हिकाबा को मन राकता वेवे।
वीं भी हाँचा बचना पे टक्या तका रेवे, जीं धरम-उपदेस का जस्यान सई हे। जणीऊँ वाँने खरी हिक का उपदेस देबा में अन विरोद करबावाळा को मुण्डो बन्द करबा में मदत मले।
पण परमेसर का घराणा में मसी तो एक बेटा का रूप में विस्वास करबा के जोगो हे, अन यद्याँ आपाँ हिम्मत राका अन वीं आस पे विस्वास बण्यो तको राका हा, तो आपींइस वींको घराणो हा।
हो लाड़ला भायाँ, मूँ तो घणो छावतो हो के, थाँने वीं छूटकारा का बारा में लिकूँ, जिंका आपाँ पांतीदार हा। मने अस्यान भी लागे हे के, मूँ थाँने ईं बाताँ लिकन हिम्मत देऊँ जणीऊँ थाँ विस्वास में बड़ता रेवो, ज्यो विस्वास परमेसर का पुवितर मनकाँ ने दिदो ग्यो हो।
ईं वाते जणी हिक ने थाँ हूणी ही, वींने आद करो अन आपणो मन बदलो अन वीं हिक का जस्यान चाल चालो। जद्याँ थूँ अस्यान ने करी, तो मूँ चोर का जस्यान अणाचेत को थाँरा नके अई जाऊँ अन थने पतो भी ने पड़बा देऊँ।