गेला का कनारे पड़्या तका बीज वणा मनकाँ का जस्या हे जीं ओ तो हुणे हे के, परमेसर कस्यान लोगाँ का मन पे राज करे हे पण वीं वींने हमजे कोयने। अन पछे सेतान आवे अन ज्यो बाताँ वणा हूणी ही वणा हारी बाताँ ने भुलई देवे हे।
मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, ज्यो अटे ऊबा हे, वाँका मूँ कुई अस्या हे के, वीं जद्याँ तईं मनक का पूत ने वींका राज में आता तका ने देक लेई, जद्याँ तईं वाँने मोत ने आई।”
परमेसर दनियाँ मूँ वाँनेईस चुण्या ज्याँने दनियाँ की नजराँ में नीचा हमज्या जावे हे अन ज्याँने बेकार हमज्या जावे अन ज्यो कई भी ने हे। परमेसर अणाने चुण्या ताँके दनियाँ ज्याँने खास हमजे हे, वाँने वीं बेकार ठेरा सके,
काँके वो दन जद्याँ तईं ने आवे तद्याँ तईं आकरी विरोद ने जावे अन पाप को मनक परगट ने वे जावे, जिंने परमेसर नास करी, ईं वाते किंके भी अन किंकी ठग-वद्याँ में मती आ जाज्यो।
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।
आपाँने केन का जस्यान ने वेणो हे, ज्यो सेतान का आड़ीऊँ हो, जणी आपणाँ भई ने मार दिदो हो। काँके वींके भई का काम धरम का हा अन केन का काम बुरा हा, ईं वजेऊँ वणी वींने मार नाक्यो।
पापी ने मारबा का वाते वींके मुण्डाऊँ एक तीकी तरवारऊँ बारणे निकळरी ही। वो लोड़ा की लाटी की जोर पे वाँका पे राज करी अन सर्वसक्तिमान परमेसर की गुस्सा की सुल में वाँने अस्यान गूंदी जस्यान अंगूर ने कुण्ड में गुँदे।
अन वीं सेतान ने ज्यो वाँने भरमातो हो, वीं वादी का कुण्ड में जिंका में वीं डरावणा जनावराने अन वींका जूटी आगेवाणी करवावाळा नाक्या ग्या हा, वींने भी नाक दिदो जाई, जिंमें वीं हमेस्यान दन रात तड़पता रेई।