5 कई थाँने आद ने हे के, जद्याँ मूँ थाँका नकेरिया करतो हो, तो मूँ थाँने ईं हारी बाताँ क्या करतो हो?
कई थाँ अबाणू भी ने हमज्या? कई थाँने वीं पाँच हजार की पाँच रोट्याँ आद कोयने, अन पछे थाँ कतरी ठोपल्याँ तोकी ही?
थाँके आक्याँ हे, कई थें देक ने सको? थाँके कान्दड़ा हे, कई थें हुण ने सको? कई थाँने आद कोयने?
पण में ईं बाताँ ईं वाते थाँने क्यो के, जद्याँ अणाको टेम आई तो थाँने आद आ जई के, में थाँने पेल्याई के दिदो हो। “में सरू में थाँने ईं बाताँ ईं वाते ने किदी, काँके मूँ थाँका हाते हो।
ईं वाते हूँस्यार रेवो, अन ओ ध्यान राको के, में तीन वर तईं रात-दन आसूँ का हाते थाँ हाराई ने हिकाया।
नसो करणो, मन मरजी करणी, हूँगला काम अन ओरी कई काम हे। जणी काँ बारा में पेल्याँई थाँने क्यो हो के, अस्या काम करबावाळा परमेसर के राज का वारिस ने वेई।
थाँ जाणो हो के, जस्यान बापू आपणाँ बाळक का हाते वेवार करे हे वस्यानीस माँ भी थाँने हरेक ने उपदेस देन, सान्ती देन अन हमजाता हाँ।
काँके जद्याँ माँ थाँका नके हाँ, तो पेल्याँई थाँने बतायो हो के, माँने दुक मली अन वस्यानीस व्यो, ओ थाँ भी जाणो हो।
अन थाँ वो जाणोइस हो के, वींने कणी रोक मेल्यो हे ताँके वो आपणाँ सई मोका पे परगट किदो जाई।
ईं वाते जद्याँ माँ थाँका नके हा तो भी थाँने याईस बात केता हाँ के, “यद्याँ कुई काम ने करणो छावे, तो वो खा भी ने सकी।”
ईं वाते मूँ पुरी कोसीस करूँ हूँ के, मारे मरिया केड़े भी थाँ अणा बाताँ ने हमेस्यान आद राक सको।