12 अणीऊँ जतरा हाँच पे विस्वास ने किदो अन जूट में मजा लेता हा, वीं हाराई दण्ड पाई।
वींकी बात हुणन वीं घणा राजी व्या अन वाँकाणी वाँने घणा रिप्या देबा को बचन दिदो। ईं वाते पछे यहूदो ईसू ने धोकाऊँ पकड़ाबा को मोको होदबा लागो।
ज्यो कुई विस्वास करे अन बतिस्मो लेवे, वो बंचायो जाई अन ज्यो विस्वास ने करे, वो दोसी ठेरायो जाई।
ज्यो बेटा ऊपरे विस्वास करे हे, वो अनंत जीवन पावे हे, पण ज्यो बेटा की ने माने हे, वो जीवन ने कोयने पावे, पण वींपे परमेसर को कोप वेतो रेवे हे।”
वीं परमेसर का नेम जाणे हे के, ज्यो मनक अस्यान को जीवन जीवे हे वीं मोत का दण्ड के जोगा हे, पण पछे भी वीं खुद अस्या काम करे हे अन दूजाँ ज्यो अस्या काम करे हे वाँने भी सई बतावे हे।
थाँको परेम हाँचो वेवे। बुरईऊँ नपरत राको अन खरईऊँ जुड़या तका रो।
पण दूजाँ ज्यो हवारती हे, हाँचने कोयने माने, पण बुरई करे हे, वाँका पे परमेसर को गुस्सो अन रीस पड़ी।
अन ने वो कूकरमऊँ राजी वेवे हे पण वो ओ हाँचऊँ राजी वेवे हे।
काँके परमेसर आपाँने वींका गुस्सो ने भुगतबा का वाते ने, पण परबू ईसू मसीऊँ बंचाबा का वाते चुण्या हे।
वीं लाळच की वजेऊँ थाँने दिकावटी बाताँ बोलन थाँकाऊँ धन कमाई। वाँको दण्ड तो पेल्याँऊँ परमेसर ते कर मेल्यो हे अन वाँको नास वाँकी वाट नाळरियो हे।
हे मारा भई, थूँ तो बुरई का ने पण भलई का गेले चालज्ये, काँके ज्यो भी मनक भलई करे हे, वो परमेसर को हे अन ज्यो बुरई करे हे, वो परमेसर ने कोयने जाणे हे।