मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, ज्यो अटे ऊबा हे, वाँका मूँ कुई अस्या हे के, वीं जद्याँ तईं मनक का पूत ने वींका राज में आता तका ने देक लेई, जद्याँ तईं वाँने मोत ने आई।”
ईं वाते हो मारा भायाँ, मूँ थाँने परमेसर की दया की आद अवाड़न थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ थाँकी देह ने जीवता अन पुवितर बलीदान का रूप में परमेसर ने राजी करबा का वाते दिदो। आ थाँकी आत्मा की हाँची सेवा हे, जिंने थाँने करणी हे।
हो भायाँ-बेना, माँ थाँकाऊँ परबू ईसू का नाम में आ अरज करा अन थाँने हमजावा हाँ के, जस्यान थाँ माँकाऊँ परमेसर ने राजी करबावाळो जीवन जीणो हिक्यो अन वस्यानीस जीवो भी हो, वींमें ओरी बड़ता जावो।
हो भायाँ-बेना, थाँका वाते माँने परमेसर ने धन्नेवाद देतो रेणो छावे अन ओ सई भी हे, काँके थाँको विस्वास घणो बड़तो जारियो हे, अन थाँको हाराई को परेम एक-दूँजा में घणो फल-फुलरियो हे।