जद्याँ मूँ दूजी दाण थाँका हाते हो, तो मूँ थाँने चेताया हाँ अन अबे जद्याँ के, मूँ थाँकाऊँ छेटी हूँ, तो भी मूँ थाँने पाच्छा चेतारियो हूँ के, यद्याँ मारो पाछो थाँका नके आणो व्यो तो जणा पाप किदो हे वाँने अन बाकी दूजाँ मनकाँ ने भी ने छोड़ूँ।
लोगाँ का माता पे आसिरवाद देबा का वाते हात मेलन वाँने परमेसर की सेवा में देबा का वाते आगत मती करज्ये। दूजाँ का पाप में भेळो मती वेज्ये, खुद ने खरो बणान राकज्ये।
अबे जद्याँ थाँ हाँच ने मानता तका, हाँचा भईचारा का परेम ने बताबा का वाते आपणी आत्माने पुवितर कर लिदी हे, ईं वाते थाँ एक-दूँजा में पुवितर मनऊँ परेम करबा की मनसा बणालो।
हे मारा प्यारा भायाँ-बेना, थाँ जो ईं दनियाँ का मयने बारवासी मनकाँ के जस्यान हो, थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ पाप करबा की बुरी मरजीऊँ खुद ने बंचान राकज्यो, ज्या थाँकी आत्माऊँ लड़ती रेवे हे।
ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ, थाँ अणा बाताँ की वाट नाळरिया हो, ईं वाते थाँ पुरी कोसीस करो के, परमेसर की नजरा में खरा, बना दोस का अन सान्तीऊँ रेबावाळो केवावो।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ पेल्याँऊँ अणा बाताँ ने जाणो हो, ईं वाते थाँ ध्यानऊँ रेज्यो, ताँके थाँ पापी मनकाँ की बाताँ में आन वाँकी बुरी चाला में ने फसन आपणाँ गाटापणा ने खोवो।