“ओ कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ विदवा लुगायाँ का घराँ ने खा जावो हो अन बतावा का वाते नरई टेम तईं परातना करता रेवो हो, ईं वाते थाँ कल्ड़ो दण्ड पावो।
वी हाराई वींने पकड़बा की ताक में रेवा लाग्या के, वो कई गलती करे, ईं वाते वणा वींका वाते भेदू खन्दाया। वणा खरा वेबा का नाटक रच्यो, ताँके वींने बाताँ में फसान राजपाल अन अदिकारियाँ का हाताँ में हूँप दे।
ईसू बाताँ कररिया हा अन एक मनकाँ टोळी आई, यहूदा नाम को चेलो ज्यो वाँका बारा थरप्या तका चेला मेंऊँ एक हो, वो मनकाँ की टोळी की आगेवाणी कररियो हो। वो ईसू का नके आन नमस्कार करबा का वाते वींके बोको दिदो।
परमेसर का बचनाँ को वोपार करबावाळा नरई मनक हे वीं आपणो नफो छावे हे पण माँ अस्यान ने हाँ। माँ तो परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका मनक का जस्यान मसी ने हाते लेन, हाँचऊँ बोला हाँ।
जद्याँ मनक केरिया वेई के, “हारोई हव हे अन कई दरपणी ने हे,” वणी दाण एकदम परकोप आ पड़ी जस्यान जापा वाळी लुगई पे दुक वेवे हे। वीं कणी भी तरियाऊँ बंच ने सकी।
ओ जरूरी वेग्यो हे के, वाँको मुण्डो बन्द किदो जावे, जीं ईं गलत बाताँ हिकान विस्वास्याँ का घर ने बगाड़रिया हे अन ईं हाराई नीचपणाऊँ रिप्या-कोड़ी कमावा का चकर में अस्यान करता रेवे हे।
परमेसर का काम ने आपणाँ हाताँ में लेबा का वाते एक मण्डली का परदानाँ में ओ जरूरी हे के, वींमें एक भी खोट ने वेणी छावे। वीं ने तो घमण्डी वेवे, ने फटाकऊँ गुस्सो करबावाळा वेवे, नेईं पियावाळा, ने लड़ायाँ करबावाळा अन नेई रिप्या-कोड़ी का लालची वेवे।
अन वो “अस्यान को भाटो बणग्यो, जणीऊँ लोगाँ ने ठेस लागे। अन ठोकर खाबा वाते एक छाँट के जस्यान बणग्यो।” काँके वीं तो बचन ने मानन ठोकर खावे हे अन योईस वाँका वाते ठेरायो भी ग्यो हे।
मूँ थाँने हमजाऊँ हूँ के, परमेसर की मडळी ज्याँ थाँकी देक-रेक में हे वींकी रुकाळी करो। ओ काम किंकई दबाव में आन मती करो पण परमेसर की मरजीऊँ राजी वेन करो। धन का लाळच की वजेऊँ ओ काम मती करो, पण मन लगान यो काम करो।
माँ थाँने आपणाँ परबू ईसू मसी की तागत का बारा में अन वींके पाच्छा आबा का बारा में जो हमच्यार हुणायो हो, वो कुई हुस्यारीऊँ बणई तकी केणी ने हे, पण में खुदई वींकी मेमा ने मारी आक्याँऊँ देकी हे।
जस्यान वीं टेम में वणा लोगाँ में परमेसर का आड़ीऊँ जूटा बोलबावाळा हा, वस्यानीस थाँका मयने भी परमेसर की आड़ीऊँ जूटा बोलबावाळा वेई, वीं छानेऊँ नास करबावाळा कामाँ ने करी अन वीं वणी मालिक को मान ने करी, जणी वाँने आजाद किदा हा, अस्यान करन वीं खुद को फटाकऊँ नास कर देई।
अणा मनक का वाते यो हराप वेई अन ईं केन के जस्यान वींके गेले चाले हे अन ईं बिलाम के जस्यान धन कमावा का वाते वींके जस्यान गलती करे हे। ईं वाते जस्यान कोरह का हाते जीं मनक विरोद कररिया हा, वाँको नास वेग्यो हे वस्यानीस अणाको भी नास वेई।
पण थाँकी मण्डली में छानेऊँ अस्यान का मनक आग्या हे, ज्याँका बारा में सास्तर में पेल्याँई लिक्यो हे के, वाँने दण्ड मली, काँके वीं परमेसर ने कोयने जाणे हे। अणा मनकाँ परमेसर की दया ने खुद का वाते कुकरम करबा की छुट मान लिदी हे अन आपणाँ परबू जीं आपणाँ मालिक ईसू मसी हे वाँने मानबा का वाते नट जावे हे।
यो भी आद अवाड़ूँ हूँ के, सदोम अन अमोरा नगर ने अन वाँके नके का नगराँ का मनकाँ ने जीं कुकरम करता हा अन बुरा काम का गेले चालता हा। परमेसर वाँने कदी ने बजबा वाळी वादी में नाकन वाँने दण्ड दिदो अन या बात आपणाँ वाते हिक बणी।