पण हो भायाँ, थाँने तो परमेसर आजाद वेवा के वाते बलाया हे, पण अणी आजादी ने थाँ आपणाँ सरीर का कामाँ ने पूरा करबा का वाते काम में मती लावो, पण परेम-भावऊँ एक दूजाँ की सेवा करो।
काँके मसी ने मानबाऊँ पेल्याँ आपाँ भी बना ग्यान का, केणो ने मानबावाळा, भटक्या तका अन हरेक तरियाँ की मो-माया का गुलाम हाँ। आपणो जीवन बुरई अन मेपणाऊँ भरियो हे। अन आपाँ एक-दूजाऊँ दसमणी राकता हाँ।
अन जद्याँ ईं मनक छुटकारो देबावाळा परबू ईसू मसी का बारा में जाणबा का केड़े भी अन ईं दनियाँ की बुरई मेंऊँ निकळबा का केड़े पाच्छा वीं बुरई में जावे हे तो वणा मनकाँ के दसा पेलाँ की दसाऊँ भी हेली बुरी वेई।