अबे जद्याँ थाँ हाँच ने मानता तका, हाँचा भईचारा का परेम ने बताबा का वाते आपणी आत्माने पुवितर कर लिदी हे, ईं वाते थाँ एक-दूँजा में पुवितर मनऊँ परेम करबा की मनसा बणालो।
मारी आकरी मरजी हे के, थाँ हाराई मनक एक मन रेवो अन थाँ हाराई ने मनकाँ का हाते मेल-मिलाप, भईचारा, दया करबावाळा अन भायाँ का हाते परेम-भावऊँ रेबावाळा बणणो छावे।
काँके आपाँ मोतऊँ निकळ अनंत जीवन पाबा का वाते आग्या हा। ईंके वजे आ हे के, आपाँ आपणाँ भायाँऊँ परेम करा हा। ज्यो भी मनक परेम ने करे, वो अबे भी मोत को गुलाम हे।
ईसू मसी आपाँ वाते आपणाँ जीवन त्याग कर दिदो हो, ईं वजेऊँ आपाँ जाण सका हाँ के, परेम कई हे? ईं वाते आपाँने भी आपणाँ भायाँ वाते जान भी देणी का वाते त्यार रेणो छावे।