ईं वाते अबे मारे अन थाँरा बचमें एक घणो ऊण्डो खाड़ो राक्यो ग्यो हे के, अटेऊँ कुई भी वीं पाल्ड़े जाणो भी छावे तो ने जा सकी अन वटाऊँ कुई ईं पाल्ड़े मारा नके आवणो छावे, तो भी वो ने आ सकी।”
वीं खाणा वाते मेनत मती करो, ज्यो वासी जावे हे। पण वीं खाणा का वाते मेनत करो, ज्यो अनंत जीवन का वाते हे। अन यो खाणो मनक को पूत थाँने देई, काँके परमेसर वींने यो अदिकार दिदो हे।”
आकरी में हो भायाँ, ज्यो ज्यो बाताँ हाँची हे अन ज्यो ज्यो बाताँ आदर करबा जस्यी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ सई हे अन ज्यो ज्यो बाताँ ऊजळी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हुवावणी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हव गुण, बड़ई अन बड़िया हे वाँपे ध्यान लगाया करो।
ईं वाते जणी दनऊँ माँ थाँका बारा में ओ हुण्यो, वीं दनऊँ थाँका वाते परातना करणी ने छोड़ी। माँकी परमेसरऊँ याईस परातना हे के, हाराई आत्मिक ग्यान अन हमज का हाते परमेसर आपणी मनसा का ग्यानऊँ थाँने भर दे।
काँके विस्वास के बना परमेसर ने राजी ने किदा जा सके हे अन जद्याँ कुई परबू का नके आवे हे, तो वींने विस्वास करणो छावे के, वो हे, अन ज्यो वींने होदे हे, वो वींने फळ देवे हे।
अस्यानीस हो मोठ्याराँ, थाँ भी थाँकी लुगायाँ का हाते हमजदारी का हाते जीवन जीवो। लुगायाँ ने कमजोर हमजन वाँको आदर करो, ओ जाणन के, आपीं दुई जीवन का वरदान में पांतीदार हा, ताँके थाँकी परातना में कुई ओट ने आवे।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ यो दिकाबा का वाते घणा ताकड़े रेवो के, थाँ हाँची में परमेसर का आड़ीऊँ बलाया अन चुण्या ग्या हो, काँके यद्याँ थाँ अणा हारी बाताँने करता रेवो, तो कदी ठोकर ने खावो अन नेई कदी रेटे पड़ो।
ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ, थाँ अणा बाताँ की वाट नाळरिया हो, ईं वाते थाँ पुरी कोसीस करो के, परमेसर की नजरा में खरा, बना दोस का अन सान्तीऊँ रेबावाळो केवावो।