जद्याँ थूँ आपणाँ विरोदी का हाते कोरट में जारियो हे। तो थूँ गेला मेंईस वणीऊँ हमजोतो करबा की कोसीस करले। कटे अस्यान ने वेवे के, वी थने कोरट का हाकम का नके जबरदस्ती ले जावे अन हाकम थने सपई ने हूँपे अन सपई थने जेळ में नाक देई।
परमेसर को परच्यार करती दाण नरई गवा की मोजुदगी में, जीं बाताँ थें माराऊँ हिकी हे, वाँने विस्वास जोगा मनकाँ ने हूँप दे, जीं दूजाँ ने हिकाबा को मन राकता वेवे।
विस्वास करबा की वजेऊँ हाबिल केनऊँ हव भेंट परमेसर के चड़ई ही। विस्वास करबा की वजेऊँ परमेसर वींकी भेंट ने मान लिदी अन वणीऊँ वींने एक धरमी मनक का रूप में मान मल्यो। वींके मरबा का केड़े आज आपाँ वणीऊँ हिका हा।