ईंका केड़े अणी दनियाँ को अंत वेई, मसी हाराई राज करबावाळा राजा ने अन अदिकारियाँ ने अन हारी सगत्याँ ने नास करन आपणो राज परमेसर बापू का हाताँ में हूँप देई।
आपाँ जाणा हाँ के, ईं धरती पे आपणी देह रूपी घर भगाड़ दिदो जाई पछे आपाँने परमेसर का आड़ीऊँ हरग में कदी नास ने वेबावाळो घर मली वो मनकाँ का हाताऊँ बणायो तको ने वेई।
अन अबे वटे परमेसर का हाते जीत को ईनाम मारी वाट नाळरियो हे, जिंने धरमी अन खरा न्याव करबावाळा परबू आकरी दन में मने देई। मने एकला नेईस ने, पण वाँ हाराई ने भी ज्यो परेम का हाते वींके परगट वेबा की वाट नाळे हे।
मूँ समोन जिंको नाम पतरस भी हे, ज्यो परबू ईसू मसी को दास अन थरप्यो तको चेलो हे, मूँ ओ कागद वाँ मनकाँ का नाम लिकरियो हूँ, जीं आपणाँ परमेसर अन छुटकारो देबावाळो ईसू की धारमिकता के वजेऊँ आपणे जस्यानीस विस्वास करे हे।
अन जद्याँ ईं मनक छुटकारो देबावाळा परबू ईसू मसी का बारा में जाणबा का केड़े भी अन ईं दनियाँ की बुरई मेंऊँ निकळबा का केड़े पाच्छा वीं बुरई में जावे हे तो वणा मनकाँ के दसा पेलाँ की दसाऊँ भी हेली बुरी वेई।