“वीं आपणाँ हाराई काम लोगाँ ने बतावा का वाते करे हे। वीं हात अन माता पे बांदबा वाळा आपणाँ ताबीजा ने जिंमें वीं सास्तर ने लिकता हा, वाँने मोटा करे हे अन आपणी जोळ्या ने वदावे हे। ताँके मनक वाँने धरमी हमजे।
परमेसर का बचनाँ को वोपार करबावाळा नरई मनक हे वीं आपणो नफो छावे हे पण माँ अस्यान ने हाँ। माँ तो परमेसर का आड़ीऊँ खन्दाया तका मनक का जस्यान मसी ने हाते लेन, हाँचऊँ बोला हाँ।
वाँका हाते माँ माकाँ एक ओरी भई ने खन्दारिया हाँ, जिंने माँ घणी बाताँ में अन घणी दाण भलई करबा का वाते त्यार देक्यो हे अन अबे वींने थाँका पे घणो विस्वास हे, जणीऊँ वींने थाँकी मदत करबा की मरजी घणी हेली वेगी हे।
आकरी में हो भायाँ, ज्यो ज्यो बाताँ हाँची हे अन ज्यो ज्यो बाताँ आदर करबा जस्यी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ सई हे अन ज्यो ज्यो बाताँ ऊजळी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हुवावणी हे अन ज्यो ज्यो बाताँ हव गुण, बड़ई अन बड़िया हे वाँपे ध्यान लगाया करो।