अन जद्याँ भी हपता को पेलो दन दितवार आवे थाँ थाँकी कमई मेंऊँ कईन कई थाँका घर में भेळा करता रेज्यो। जणीऊँ के, मूँ जद्याँ भी अऊँ थाँने दान भेळा करणो ने पड़े।
थाँकामूँ कुई के सके हे के, “हारी चिजाँ मारा वाते सई हे।” हा, पण हारी चिजाँ नफा की ने हे। “हारी चिजाँ मारा वाते सई हे,” पण मूँ कस्यी भी बात को गुलाम ने वेऊँ।
कूँवारी लुगायाँ का बारा में परबू की कस्यी आग्या मने ने मली हे, पण विस्वास के जोगो वेबा का वाते ज्या दया परबू मारा पे किदी हे, वींके जस्यान मूँ थाँने सला दूँ हूँ।
काँके मूँ जाणूँ हूँ, ईं काम ने करबा का वाते थाँ हमेस्यान त्यार रेवो हो अन ईं बात ने मकिदुनिया का मनकाँ का हामे केवाऊँ मेपणो वेई के, अखाया का मनक पालाँ साल ऊँइस त्यार वेग्या हा अन थाँका काम ने देकन नरई मनकाँ ने काम करबा की हिक मली हे।