18 मूँ थाँको बापू वेऊँ, अन थाँ मारा छोरा-छोरी वेवो। आ बात परम सगतीमान परबू केवे हे।”
पण जणा भी वींने मान्यो अन वींपे विस्वास किदो, वाँने वणी परमेसर की ओलाद वेबा को हक दिदो।
काँके ओ जग घणी आसऊँ वीं टेम को वाट नाळरियो हे, जद्याँ परमेसर आपणी ओलाद परगट करी।
जिंने वणा पेल्याईं चुण्या, वाँने वणी आपणो बेटा का जस्या बणाबा का वाते ते किदो, जणीऊँ नरई भायाँ मेंऊँ वो पेली पतो का बणे।
थाँ हाराई ईसू मसी पे विस्वास करो हो, ईं वाते अबे थाँ परमेसर का बेटा-बेटी हो।
वाँकाणी परेम का हाते पेल्याँऊँ ओ ते किदो के, आपाँ ईसू मसीऊँ वाँकी गोद लिदी तकी ओलाद बणा। याईस वाँकी मरजी अन खुसी की बात ही।
परबू परमेसर जीं हा, अन जीं हमेस्यान हे, जीं आबावाळा हे, जीं हाराईऊँ तागतवर हे, वीं केवे हे के, “मूँईस अलफा अन ओमेगा हूँ।”
नगर में मने कुई मन्दर ने दिकई दिदो, काँके सर्वसक्तिमान परबू परमेसर अन उन्योइस वाँको मन्दर हे।
जो जे पाई वोईस अणा हारी चिजाँ को मालिक वेई। मूँ वींको परमेसर वेऊँ अन वो मारो बेटो वेई।