“हे यरूसलेम, हे यरूसलेम! थूँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की हत्या करे हे, अन ज्याँने थाँरा नके खन्दाया ग्या, वाँके थूँ भाटा की ठोके हे। कतरी दाण में बच्यार किदो के, जस्यान कूकड़ी आपणाँ बच्या ने आपणाँ फाकड़ा रेटे भेळा करे हे, वस्यानीस मूँ भी थाँरा छोरा-छोरी ने भेळा करूँ, पण थाँ ओ ने छायो।
वीं दुई जणा घणा दन तईं वटीस रिया अन बना दरप्याँ परबू की बाताँ ने बताता रिया, अन परबू वाँने तागत देन वाँकाऊँ अचम्बा अन हेन्याणी का काम करवान वाँका करपाऊँ भरया तका संदेसा को मान बड़ातो रियो।
ईं वाते हो मारा भायाँ, मूँ थाँने परमेसर की दया की आद अवाड़न थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ थाँकी देह ने जीवता अन पुवितर बलीदान का रूप में परमेसर ने राजी करबा का वाते दिदो। आ थाँकी आत्मा की हाँची सेवा हे, जिंने थाँने करणी हे।
ईं वाते जद्याँ माराऊँ ओरी ठमाव ने व्यो तो में थाँका विस्वास का हाल-चाल जाणबा का वाते वींने खन्दायो। परमेसर करे अस्यान ने वेणो छावे के, परकबा वाळी बाताँऊँ थाँ लाळच में आन मारो करियो-करायो काम बेकार तो ने कर दिदो।
ध्यान राकज्यो, के थाँ वणी बोलबावाळा ने मती नकार ज्यो। काँके जणी धरती पे चेतावणी दिदी ही, वींने नकारन वीं बंच ने सक्या, तो यद्याँ आपाँ वींने नकार देवा, ज्यो आपाँने हरगऊँ चेतावणी देरियो हे, तो आपाँ कदी दण्डऊँ बंच ने सका।
जणी किंने भी परमेसर का आड़ीऊँ जो भी वरदान मल्यो हे वींने छावे के, वो परमेसर का वादा का जस्यान हव वेवस्ता करबावाळा की जस्यान, एक दूजाँ की सेवा करबा वाते वीं वरदान ने काम में लेवे।