“हरग को राज खेत में हप्या तका धन का जस्यान हे, ज्यो कणी मनक ने मल्यो अन वणी पाछो वटेईस छुपा दिदो, अन राजी वेता तका आपणी जगाँ-जादाद ने बेंच दिदी अन वीं खेत ने मोल ले लिदो।
वाँकाणी वाँने क्यो, “ईं वाते नेमा ने हिकाबावाळा ज्यो परमेसर का राज का चेला बण्या हे, वीं वणी घरवाळा का जस्यान हे ज्यो भण्डारऊँ नई अन जूनी चिजाँ बारणे काड़े हे।”
परमेसर दनियाँ मूँ वाँनेईस चुण्या ज्याँने दनियाँ की नजराँ में नीचा हमज्या जावे हे अन ज्याँने बेकार हमज्या जावे अन ज्यो कई भी ने हे। परमेसर अणाने चुण्या ताँके दनियाँ ज्याँने खास हमजे हे, वाँने वीं बेकार ठेरा सके,
ज्यो मनक मारो विरोद करे हे वीं केवे हे के, “वींका कागद तो जोरदार अन नरोगा रूपऊँ लिक्या तका वेवे हे पण जद्याँ वो हामे आवे हे तो वो देह में कमजोर अन बोलबा में भी अतरो खास ने दिके हे।”
ओ हाँच हे के, वींकी कमजोरी की वजेऊँ वींने हूळी पे चड़ायो ग्यो पण वो परमेसर की तागतऊँ जीरियो हे। ओ हाँच हे के, मसी का मयने माँ भी कमजोर हाँ पण थाँकी भलई की वाते परमेसर की तागतऊँ वींके हाते जीवाँ हाँ।
आपाँ जाणा हाँ के, ईं धरती पे आपणी देह रूपी घर भगाड़ दिदो जाई पछे आपाँने परमेसर का आड़ीऊँ हरग में कदी नास ने वेबावाळो घर मली वो मनकाँ का हाताऊँ बणायो तको ने वेई।
मूँ हाराई पुवितर मनकाँऊँ फोरो हूँ, पण मारा पे आ करपा वीं के, मूँ मसी का अनमोल धन ने ज्यो हमजऊँ बारणे हे वींका हव हमच्यार ने ज्यो यहूदी ने हे वाँ लोगाँ ने हूणाऊँ
वाँ बात परमेसर जिंका पे परगट करणो छारिया हो, वाँने ध्यान वीं जावे के, वीं परमेसर की मेमा को मोल हाराई मनकाँ में कई हे, अन वाँ बात आ हे के, मसी ज्यो मेमा की आस हे वाँ थाँकामें बणी तकी रेवे हे।
अन मसी का हाते बतिस्मा में आपीं भी गाड़या ग्या अन परमेसर की तागत पे विस्वास करबा की वजेऊँ आपाँ भी मसी का हाते जिवाया ग्या हा, जणी तागत ईसू मसी ने मरिया तकाँ मेंऊँ पाच्छा जीवता किदा हा।
ओ हव हमच्यार बेस बोली कोईस ने हे, पण तागत अन पुवितर आत्मा का हाते अन ईंकी हाँच की खरई का हाते थाँका नके पूग्यो हे। थाँ तो जाणोइस हो के, माँ थाँकी भलई का वाते थाँका हाते कस्यान रिया हा।
एक मोटा घर में हरेक तरियाँ का ठामड़ा वेवे हे, कुई टिंढका अन चिकणा गारा का बण्या तका, कुई होना अन चाँदी का, कुई खास मोको का वाते अन कुई घर में रोज काम में लेबा का वाते वेवे हे।