तद्याँ थाँ राजी वेज्यो अन आणन्द मनाज्यो, काँके हरग में थाँने ईंको फळ मली। यो वस्यानीस हे जस्यान थाँकाऊँ पेल्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा लोगाँ ने हताया हा।
वणी दन थाँ राजी वेन आणन्द मनाज्यो, काँके थाँका वाते परमेसर का राज में मोटो फळ हे। आद राकज्यो के, वाँका बड़ाबा भी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा का हाते भी वस्योईस करिया करता हा।
पछे कूण हे ज्यो आपाँने दोसी बतावे? काँके ईसू मसी आपणाँ वाते मरग्यो हो अन वींने पाछो जिवायो ग्यो। वोईस हे ज्यो परमेसर का जीमणा पाल्ड़े बेटो हे अन आपणाँ वाते अरज करे हे।
पण पुवितर सास्तर में लिक्यो हे, “जिंने आक्याँ ने देक्यो अन कान्दड़ा ने हुण्यो। जटा तईं मनकाँ की अकल कदी ने पोंछी अस्यी बाताँ परमेसर वणा मनकाँ का वाते बणई जीं परमेसरऊँ परेम करे हे।”
जद्याँ आपाँ उगाड़ा मुण्डाऊँ काँस का जस्यान परबू की चमक को चलको पाड़ा हाँ, तो आपाँ भी वींके जस्यान वेबा लागा हाँ अन वाँ चमक आपाँ में ओरू भी हेलीऊँ हेली वेबा लागे हे अन आ चमक भी परबू का आड़ीऊँइस आवे हे, मतलब आत्माऊँ।
ईं वाते माँ खुद ईं परमेसर की मण्डली में थाँका पे मेपणो करा हा, काँके जतरा भी दुक अन कळेस हाँ, वाँने थाँ जेल्या, ईं हारी बाताँऊँ थाँके धीरज अन विस्वास का बारा में पतो चाले हे।
हो मारा प्यारा भायाँ, अबे आपाँ परमेसर का बेटा-बेटी हाँ, पण आबावाळी टेम में आपाँ कई वेवा, ईंका बारा में आपाँने ग्यान ने दिदो ग्यो हे, पण छावे ज्यो भी वे, आपाँ ओ जाणा हाँ के, जद्याँ मसी पाच्छा परगट वेई, तद्याँ आपाँ वींके जस्यान वे जावाँ, काँके जस्यान वो हे, वस्यानीस आपाँ वींने देकाँ।