आपाँ ईं देह में रेता तका बोजऊँ टसका लेरिया हाँ, ईंकी वजे आ हे के, आपाँ आपणी देह ने बदलणी ने छावाँ पण ईं देह में हरग को जीवन जीवणो छावाँ हाँ जणीऊँ ज्यो मरबा को जीवन हे वो जुग-जुग को जीवन वे जाई।
माँने फोगट्या हमजे हे जद्याँ के माँ तो मान्याँ तका हाँ अन माँने मरिया तका जाणे हे, जद्याँ के माँ तो जीवता हाँ। माँने दण्ड पाबावाळा का जस्यान जाणे हे, तद्याँ भी माँ मोत ने ने हुप्याँ जावाँ हाँ