अन माँ माकाँ हरदा में आ बात होचबा लागा के, माँने तो मोत को दण्ड मलग्यो हे, जणीऊँ माँ खुद पे हेलो भरोसो ने करन परमेसर पे भरोसो राका हा, ज्यो मरिया तका ने भी पाच्छा जीवता कर देवे हे।
ओ हाँच हे के, वींकी कमजोरी की वजेऊँ वींने हूळी पे चड़ायो ग्यो पण वो परमेसर की तागतऊँ जीरियो हे। ओ हाँच हे के, मसी का मयने माँ भी कमजोर हाँ पण थाँकी भलई की वाते परमेसर की तागतऊँ वींके हाते जीवाँ हाँ।
कागद ने खतम करतो तको मूँ थाँकाऊँ हाता-जोड़ी करूँ हूँ के, अबे मने ओरी दुक देवो मती, काँके मूँ तो पेल्याऊँ आपणी देह में ईसू मसी का घावा ने लेन गुमीरू हूँ।
यद्याँ मसी का नाम की वजेऊँ थाँने दुक जेलणो अन बेजत वेणो पड़े हे तो थाँ ईंने आसिरवाद हमजो, काँके परमेसर की आत्मा ज्या मेमा की आत्मा हे, वाँ थाँका ऊपरे बणी तकी रेवे हे।