परमेसर की वीं दया के जस्यान, ज्यो मने दिदी गी हे, में एक हूँस्यार कारीगर के जस्यान नीम नाकी, पण वींपे सणई करबावाळो तो कुई ओरी हे। पण हरेक मनक ने ध्यान राकणो हे के, वीं कस्यान काम कररिया हे।
जटा तईं मारी बात हे तो, मारा नके ज्यो कई भी हे, वींने थाँका वाते राजी वेन खरच करूँ अटे तईं के, मूँ खुद ने भी थाँका वाते दी देऊँ। यद्याँ मूँ थाँकाऊँ घणो परेम करूँ हूँतो थाँ कई माराऊँ कम परेम करो?
मूँ ईं बाताँ थाँने नीचा दिकाबा का वाते ने केरियो हूँ, काँके का थाँ तो जणोईस हो के, थाँ माकाँ हरदा में बस्या तका हो अन अटे तईं के, माँ थाँ हाते जीवाँ अन मरबा का वाते त्यार रेवा हाँ।
थाँ हाराई का वाते मने अस्याईस बच्यार राकणा हव हे, काँके थाँ हाराई मारा मन में बस्या तका हो। अन जद्याँ मूँ हाकळाऊँ बन्दयो तको हूँ अन हव हमच्यार ने साबत करबा अन पाको बणाबा में भी लागरियो हूँ, थाँ मारा हाते परमेसर की दिदी तकी अणीस करपा में भागी हो।
काँके परबू का बचन थाँका नकेऊँ मकिदुनिया अन अखाया मेंईस ने हुणायो ग्यो, पण ईं वजेऊँ परमेसर पे थाँका विस्वास की चरचा हारी जगाँ में फेलगी हे। ईं वाते माँने कई केवाँ की जरुतई ने पड़ी।