अन जद्याँ आ नास वेबावाळी देह बना नास की जोळी ने पेर लेई अन आ मरबावाळी देह ने मरबावाळी देह की जोळी पेर लेई जदी सास्तर में लिक्यो तको ओ बचन पूरो वेई के, “जीत मोत ने निगळगी हे”,
आपाँ ईं देह में रेता तका बोजऊँ टसका लेरिया हाँ, ईंकी वजे आ हे के, आपाँ आपणी देह ने बदलणी ने छावाँ पण ईं देह में हरग को जीवन जीवणो छावाँ हाँ जणीऊँ ज्यो मरबा को जीवन हे वो जुग-जुग को जीवन वे जाई।
काँके ज्यो दुक परमेसर का आड़ीऊँ आवे हे वींको फळ मन फेरान लेन आवे हे अन जिंकी वजेऊँ दुक ने वेवे पण बंचाया जावाँ हाँ। पण ज्यो दुक दनियाँ की वजेऊँ मले हे, वो दुक मोत लेन आवे हे।
किंका पे थाँको ओळमो वे तो एक-दूँजा ने सेण करता तका अन एक-दूँजा ने माप कर दो। जस्यान परमेसर थाँने माप करे हे वस्यानीस थाँने भी एक-दूँजा ने माप करणा छावे।
हो भायाँ-बेना, माँ छावाँ हाँ के, थाँ मरिया तका विस्वासी भायाँ का पाच्छा जी उठबा का हाँच ने जाणो, जणीऊँ थाँ बना विस्वास करबावाळा के जस्यान दकी ने वेवो, ज्याँका नके आस ने हे।
हो विस्वासी भायाँ, माँ थाँने परबू ईसू मसी में ओ आदेस देवा हा के, हरेक अस्या मनकाऊँ छेटी रेज्यो जीं आळकातक हे अन ज्या हिक माँ वाँने दिदी हे वींके जस्यान ने करे।