8 अन अणी रोग का दुक की वजेऊँ में तीन दाण परबूऊँ अरज किदी अन परबू ने क्यो के, ईं काँटा ने बारणे काड़ दो।
तीन दाण अस्यानीस व्यो अन वीं चिजाँ पाच्छी आकास में उठा लिदी गी।
अस्यानीस पुवितर आत्मा आपणी कमजोरी में आपणी मदत करे हे, काँके आपाँ कोयने जाणा हा के, आपाँने परातना कणी रितीऊँ करणी हे। पण आत्मा खुद टेका करन आपणाँ वाते परातना करे हे, जिंने बोलन बतायो जाणो होरो कोयने हे।
ईसू अणी धरती का जीवन में ज्यो वींने बंचा सकतो हो, वणीऊँ जोरऊँ हाको करतो तको अन रोते तके अरज अन परातना किदी ही अन नमरता अन भगती का मस वींकी हुण लिदी गी ही।