ईं वाते जद्याँ मूँ ईं बाताँ की मरजी किदी ही वाँ यूँई तो ने किदी अन में ज्यो मरजी किदी हे वाँ ईं दनियाँ का मनकाँ का जस्यान थोड़ी किदी हे। यद्याँ अस्यान करतो तो मूँ हाँ हाँ अन ने ने केतो।
मूँ बेण्डा मनक का जस्यान बतारियो हूँ पण अस्यान करबा वाते थाँईस मारा ऊपरे जोर दिदो हे। जद्याँ के, मूँ तो कई भी ने हूँ पण थाँ तो मारी बड़ई करणा छाता हाँ, काँके मूँ थाँका वाँ “मोटाऊँ मोटा खन्दाया तका चेलाऊँ” की कणी भी बात में कम ने हूँ।
अबे आगेऊँ आपाँ कणी भी मनक को ईं दनियाँ की रीत जस्यान न्याव ने कराँ। जद्याँ एक टेम आपाँ मसी को भी दनियाँ की रीत के जस्यानीस न्याव किदो हो, पण अबे कई भी वे आपाँ वींने अस्यान ने देकाँ।
काँके सास्तर में भी लिक्यो तको हे के, “हाराई मनक चारा के जस्यान हे, अन वाँको सजणो अन धजणो भी काकड़ का फुल का जस्यान हे। चारो हूक जावे हे अन फुल जड़ जावे हे।