कई वींइस मसी का दास हे? मूँ बेण्डा के जस्यान कूँ हूँ, मूँ वणाऊँ भी बड़न मसी को दास हूँ। वाँकाऊँ हेली मेनत करबा में, नरी दाण जेळ में बन्द वेबा में, कोड़ा की मार खाबा में, आकोदाण मोत का मुण्डो में जाबा में,
पण थाँकी मण्डली में छानेऊँ अस्यान का मनक आग्या हे, ज्याँका बारा में सास्तर में पेल्याँई लिक्यो हे के, वाँने दण्ड मली, काँके वीं परमेसर ने कोयने जाणे हे। अणा मनकाँ परमेसर की दया ने खुद का वाते कुकरम करबा की छुट मान लिदी हे अन आपणाँ परबू जीं आपणाँ मालिक ईसू मसी हे वाँने मानबा का वाते नट जावे हे।
वो पेला डरवाणा जनावर का हकऊँ चमत्कार बतातो हो। वो धरती पे रेबावाळा मनकाँ ने भरमातो अन बोलतो हो के, जीं पेला जनावर के तरवारऊँ घाव व्यो हो, वो ठीक वेग्यो हे, थाँ वींकी मूरत बणावो, ताँके वींने मान मले।
में जणी जनावर ने देक्यो हो, वो दिकबा में तो चीता का जस्यान को हो, पण वींका पग रिसड़ा का जस्यान का अन मुण्डो नार की जस्यान को हो। अन वणी अजगर वींने आपणी गादी अन आपणाँ हाराई अदिकार, तागत हूँप दिदी।