2 अबे मारी थाँकाऊँ परातना हे के, जद्याँ मूँ थाँका नके अऊँ, तद्याँ मने वणा मनकाँ का विरोद में कल्ड़ो वेवार करबा की जरूत ने पड़ी जीं अस्यान होचे हे के, माँ दनियाँ को जीवन जीवाँ हाँ।
काँके ज्यो आपणी देह जस्यान जीवन जीणो छावे हे, वाँको मन देह की मरजी में लागी तकी रेवे हे। पण ज्यो आत्मा का जस्यान जीवन जीणो छावे हे, वाँको मन जस्यान आत्मा छावे वस्यी बाताँ में लागी रेवे हे।
ईं वाते जद्याँ मूँ ईं बाताँ की मरजी किदी ही वाँ यूँई तो ने किदी अन में ज्यो मरजी किदी हे वाँ ईं दनियाँ का मनकाँ का जस्यान थोड़ी किदी हे। यद्याँ अस्यान करतो तो मूँ हाँ हाँ अन ने ने केतो।
ईं वाते थाँकाऊँ छेटी रेतो तका भी मूँ ईं बाताँ थाँका वाते लिकरियो हूँ जणीऊँ की जद्याँ मूँ थाँका नके आऊँ तो मने परबू का दिदा तका हक ने कल्डा रूप में काम ने लेणो पड़े। यो हक थाँने नाकबा का वाते ने हे, पण थाँने बणाबा का वाते हे।
जद्याँ मूँ दूजी दाण थाँका हाते हो, तो मूँ थाँने चेताया हाँ अन अबे जद्याँ के, मूँ थाँकाऊँ छेटी हूँ, तो भी मूँ थाँने पाच्छा चेतारियो हूँ के, यद्याँ मारो पाछो थाँका नके आणो व्यो तो जणा पाप किदो हे वाँने अन बाकी दूजाँ मनकाँ ने भी ने छोड़ूँ।