ज्यो बीज झाड़क्याँ में वाया ग्या, वीं वणा मनकाँ का जस्यान हे, ज्यो परमेसर का बचन ने हुणे हे, पण ईं दनियाँ की चन्ता अन धन-माया को लोब-लाळच वाँने परमेसर को बचन भुलई दे के, परमेसर वाँकाऊँ कई छावे हे अन वो फळ ने लावे।
ओ जाणन के, मूसा का नेम धरमी मनकाँ का वाते ने पण अधरम्याँ, केणो ने करबावाळा, परमेसर ने ने मानबावाळा, पापी, अपुवितर, असुद, बई-बापू को बुरो करबावाळा, हत्यारा,
अणा मनक का वाते यो हराप वेई अन ईं केन के जस्यान वींके गेले चाले हे अन ईं बिलाम के जस्यान धन कमावा का वाते वींके जस्यान गलती करे हे। ईं वाते जस्यान कोरह का हाते जीं मनक विरोद कररिया हा, वाँको नास वेग्यो हे वस्यानीस अणाको भी नास वेई।